राग माला
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
राग एक संगि पंच बरंगन ॥
संगि अलापह आठउ नन्दन ॥
प्रथम राग भैरउ वै करही ॥
पंच रागनी संगि उचरही ॥
प्रथम भैरवी बिलावली ॥
पुन्न्याकी गावह बंगली ॥
पुनि असलेखी की भई बारी ए भैरउ की पाचउ नारी ॥
पंचम हरख दिसाख सुनावह ॥
बंगालम मधु माधव गावह ॥ १ ॥
ललत बिलावल गावही अपुनी अपुनी भांति ॥
असट पुत्र भैरव के गावह गायन पात्र ॥ १ ॥
दुतिया मालकउसक आलापह ॥
संगि रागनी पाचउ थापह ॥
गोंडकरी अरु देवगंधारी ॥
गंधारी सीहुती उचारी ॥
धनासरी ए पाचउ गायी ॥
माल राग कउसक संगि लायी ॥
मारू मसतअंग मेवारा ॥
प्रबलचंड कउसक उभारा ॥
खउखट अउ भउरानद गाए ॥
असट मालकउसक संगि लाए ॥ १ ॥
पुनि आइअउ हिंडोलु पंच नारि संगि असट सुत ॥
उठह तान कलोल गायन तार मिलावही ॥ १ ॥
तेलंगी देवकरी आई ॥
बसंती सन्दूर सुहायी ॥
सरस अहीरी लै भारजा ॥
संगि लायी पांचउ आरजा ॥
सुरमानन्द भासकर आए ॥
चन्द्रबिम्ब मंगलन सुहाए ॥
सरसबान अउ आह बिनोदा ॥
गावह सरस बसंत कमोदा ॥
असट पुत्र मै कहे सवारी ॥
पुनि आई दीपक की बारी ॥ १ ॥
कछेली पटमंजरी टोडी कही अलापि ॥
कामोदी अउ गूजरी संगि दीपक के थापि ॥ १ ॥
कालंका कुंतल अउ रामा ॥
कमलकुसम चम्पक के नामा ॥
गउरा अउ कानरा कलੵाना ॥
असट पुत्र दीपक के जाना ॥ १ ॥
सभ मिलि सिरीराग वै गावह ॥
पांचउ संगि बरंगन लावह ॥
बैरारी करनाटी धरी ॥
गवरी गावह आसावरी ॥
तेह पाछै सिंधवी अलापी ॥
सिरीराग स्यु पांचउ थापी ॥ १ ॥
सालू सारग सागरा अउर गोंड गंभीर ॥
असट पुत्र स्रीराग के गुंड कुंभ हमीर ॥ १ ॥
खसटम मेघ राग वै गावह ॥
पांचउ संगि बरंगन लावह ॥
सोरठि गोंड मलारी धुनी ॥
पुनि गावह आसा गुन गुनी ॥
ऊचै सुरि सूहउ पुनि कीनी ॥
मेघ राग स्यु पांचउ चीनी ॥ १ ॥
बैराधर गजधर केदारा ॥
जबलीधर नट अउ जलधारा ॥
पुनि गावह संकर अउ स्यामा ॥
मेघ राग पुत्रन के नामा ॥ १ ॥
खसट राग उनि गाए संगि रागनी तीस ॥
सभै पुत्र रागन्न के अठारह दस बीस ॥ १ ॥ १ ॥